राजस्थान के इतिहास के स्रोत | Sources of Rajasthan History| Rajasthan Ke Itihas Ke Srot

राजस्थान का इतिहास मजबूत प्रमाणों पर आधारित है। आप इन Rajasthan Ke Itihas Ke Srot / राजस्थान के इतिहास के स्रोतों से राज्य की राजनैतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जानकारी समझते हैं। यह विषय RPSC, RSMSSB, पुलिस, पटवारी और अन्य परीक्षाओं में नियमित रूप से पूछा जाता है। ये topic competitive exams में regular पूछा जाता है, इसलिए Rajasthan History के sources को समझना ज़रूरी है। इन sources से तुम्हें state की politics, society, culture और administration की clear information मिलती है। ये knowledge RPSC, RSMSSB, Police और Patwari exams में direct help देता है।

  1. पुरातात्विक स्रोत
    • खुदाई से मिले प्रमाण, जैसे ईंट संरचनाएँ, किले, मंदिर और नगर बसाहट
    • हड़प्पा सभ्यता के अवशेष, कालीबंगा, बीकानेर क्षेत्र से मिले प्रमाण
    • मिट्टी के बर्तन, मोती, मोहरें
    • शिल्प कला की मूर्तियाँ, जो उस समय की संस्कृति और धर्म बताती हैं
    • प्रागैतिहासिक गुफा चित्र, उदयपुर और कोटा क्षेत्र से मिले प्रमाण
  2. अभिलेख
    • शिला लेख, जैसे भीनमाल, जोनपुर, रणकपुर आदि स्थानों से प्राप्त
    • ताम्रपत्र, जो प्रशासनिक निर्णय, दान और भूमि संबंधी विवरण लिखते हैं
    • स्तम्भ लेख, प्राचीन राजाओं के शासन और उपलब्धियों की जानकारी देते हैं
    • राजपूताना के कई क्षेत्रों में संस्कृत और प्राकृत लेख मिले हैं
  3. साहित्यिक स्रोत
    • काव्यों और ग्रंथों में लिखा इतिहास
    • पृथ्वीराज रासो, जो कई परीक्षाओं में पूछा जाता है
    • नागभारतम, हम्मीर महाकाव्य और अन्य राजस्थानी साहित्य
    • संस्कृत और प्राकृत ग्रंथ, जैसे कौटिल्य नीति, जो राज्य व्यवस्था समझने में सहायक होते हैं
    • फारसी साहित्य और मुगलकालीन दस्तावेज, जैसे अकबरनामा, ऐन-ए-अकबरी
  4. विदेशी यात्रियों के विवरण
    • इब्न बतूता ने भारत में यात्रा के समय राजस्थान के कुछ क्षेत्रों का वर्णन लिखा
    • अल मसूदी, फाह्यान और ह्वेनसांग जैसे यात्रियों ने संस्कृति और समाज का उल्लेख किया
    • इन विवरणों से व्यापार, समाज और प्रशासन का स्पष्ट चित्र मिलता है
  5. लोक परंपराएँ
    • लोकगीत, जिनमें युद्ध, शौर्य और सामाजिक घटनाएँ दर्ज हैं
    • लोककथाएँ, जो स्थानीय इतिहास और रीतिरिवाज समझने में मदद करती हैं
    • चारण और भाटों की वंशावली परंपरा, जो राजपूत वंशों का इतिहास देती है
    • पाबूजी, तेजाजी और देवनारायण की कथाएँ, जो सामाजिक संरचना बताती हैं
  6. दरबारी और राजकीय दस्तावेज
    • राजपूत दरबारों में रखी गई वंशावलियाँ, सैन्य रिकॉर्ड और प्रशासनिक आदेश
    • मुगल दरबार के फारसी दस्तावेज, जिनमें राजस्थान के राजपूत राज्यों का उल्लेख है
    • कर, सेना, युद्ध और संधियों का विवरण
    • यह स्रोत राजनीतिक इतिहास को सटीक बनाते हैं
  7. ब्रिटिश काल के स्रोत
    • राजपूताना गजेटियर, परीक्षा में अक्सर पूछा जाता है
    • सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट
    • ब्रिटिश प्रशासनिक फाइलें
    • भूगोल, जनसंख्या, प्रशासन और किलों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध
  8. विविध स्रोत
    • सिक्के, जो राजाओं के नाम, शासन वर्ष और धार्मिक प्रतीकों की जानकारी देते हैं
    • चित्रकला, जैसे मारवाड़ी और मेवाड़ी स्कूल
    • स्थापत्य, जो कला शैली और समय की तकनीक बताता है

राजस्थान के इतिहास के ये स्रोत विश्वसनीय और परीक्षा उपयोगी हैं। आप इन विषयों को समझकर GK और History के कई प्रश्न हल कर सकते हैं। यह सूची RPSC, RAS, SI, Constable, Patwari, School Lecturers और अन्य परीक्षाओं में सीधा लाभ देती है।

Rajasthan Ke Itihas Ke Srot

राजस्थान के इतिहास के स्रोत से संबंधित महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न MCQs

प्रश्न 1: राजस्थान इतिहास के स्रोतों में सबसे विश्वसनीय माध्यम क्या माने जाते हैं?
A. साहित्यिक रचनाएँ
B. शिलालेख
C. विदेशी यात्रियों के विवरण
D. ताम्रपत्र
Answer: B
Explanation: शिलालेख तत्कालीन घटनाओं, राजवंशों और प्रशासनिक व्यवस्थाओं का सटीक विवरण प्रदान करते हैं।

प्रश्न 2: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की स्थापना कब हुई?
A. 1851 ई.
B. 1861 ई.
C. 1871 ई.
D. 1881 ई.
Answer: B
Explanation: अलेक्जेंडर कनिंघम के नेतृत्व में 1861 ई. में स्थापित, जिसने राजस्थान में पुरातात्विक अध्ययन की नींव रखी।

प्रश्न 3: राजस्थान में पहला व्यवस्थित पुरातात्विक सर्वेक्षण किसके निर्देशन में हुआ?
A. अलेक्जेंडर कनिंघम
B. ए.सी.एल. कार्लाइल
C. कैप्टन बर्ट
D. कर्नल टॉड
Answer: B
Explanation: 1871 ई. में ए.सी.एल. कार्लाइल के निर्देशन में राजस्थान का पहला सर्वेक्षण किया गया।

प्रश्न 4: विक्रम संवत का प्रारंभ कब माना जाता है?
A. 57 ईस्वी
B. 57 ईसा पूर्व
C. 78 ईस्वी
D. 78 ईसा पूर्व
Answer: B
Explanation: राजा विक्रमादित्य की शकों पर विजय से 57 ईसा पूर्व में विक्रम संवत शुरू हुआ।

प्रश्न 5: 2024 ईस्वी के अनुसार विक्रम संवत क्या होगा?
A. 2024 वि.स.
B. 2067 वि.स.
C. 2081 वि.स.
D. 2100 वि.स.
Answer: C
Explanation: विक्रम संवत ग्रेगोरियन कैलेंडर से 57 वर्ष आगे होता है, इसलिए 2024 + 57 = 2081 वि.स.।

प्रश्न 6: पाषाण युग का प्रारंभ कब हुआ?
A. 10000 ई.पू.
B. 7000 ई.पू.
C. 2600 ई.पू.
D. 1500 ई.पू.
Answer: A
Explanation: पाषाण युग में प्रारंभिक मानव शिकारी-संग्राहक थे, जो 10000 ई.पू. से शुरू हुआ।

प्रश्न 7: हड़प्पा सभ्यता का काल क्या था?
A. 7000 ई.पू.
B. 2600 ई.पू.
C. 1700 ई.पू.
D. 1200 ई.पू.
Answer: B
Explanation: हड़प्पा सभ्यता का प्रथम शहरीकरण काल 2600 ई.पू. में था, जिसमें कालीबंगा प्रमुख स्थल है।

प्रश्न 8: राजस्थान के चित्रित शैलाश्रयों में स्वस्तिक चित्रण कहाँ पाया गया?
A. कुनजोता (जयपुर)
B. सोहनपुरा (सीकर)
C. दाडीकर (अलवर)
D. बूंदी
Answer: C
Explanation: दाडीकर (अलवर) में स्वस्तिक चित्रण, बाँहों-पैरों की चित्रकारी और घात लगाकर आक्रमण के चित्र हैं।

प्रश्न 9: राजस्थान का सबसे पुराना शिलालेख कहाँ स्थित है?
A. बैराठ (जयपुर)
B. बडली (अजमेर)
C. घोसुण्डी (चित्तौड़)
D. नंदसा (भीलवाड़ा)
Answer: B
Explanation: 443 ईसा पूर्व का बडली (अजमेर) शिलालेख ब्राह्मी लिपि में है, जो भिलोत माता मंदिर से प्राप्त हुआ।

प्रश्न 10: बैराठ (जयपुर) शिलालेख किस काल का है?
A. 443 ईसा पूर्व
B. 250 ईसा पूर्व
C. 2री शताब्दी ईसा पूर्व
D. 225 ईस्वी
Answer: B
Explanation: 250 ईसा पूर्व का बैराठ शिलालेख प्राकृत भाषा में मौर्य काल का बौद्ध केंद्र दर्शाता है।

प्रश्न 11: घोसुण्डी शिलालेख में किस संप्रदाय का उल्लेख है?
A. जैन
B. बौद्ध
C. वैष्णव
D. शैव
Answer: C
Explanation: दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व का घोसुण्डी (चित्तौड़) शिलालेख वैष्णव संप्रदाय और अश्वमेध यज्ञ का वर्णन करता है।

प्रश्न 12: नंदसा यूप स्तंभ शिलालेख किस वर्ष का है?
A. 250 ईसा पूर्व
B. 225 ईस्वी
C. 227 ईस्वी
D. 238-239 ईस्वी
Answer: B
Explanation: 225 ईस्वी का नंदसा (भीलवाड़ा) शिलालेख संस्कृत में क्षत्रप राज्यों के विस्तार का उल्लेख करता है।

प्रश्न 13: गंगधर शिलालेख किस वर्ष का है और क्या दर्शाता है?
A. 423 ईस्वी, विष्णु मंदिर निर्माण
B. 424 ईस्वी, विष्णु पूजा
C. 490 ईस्वी, गौर-औलिकर वंश
D. 625 ईस्वी, सामंती व्यवस्था
Answer: A
Explanation: 423 ईस्वी का गंगधर (झालावाड़) शिलालेख विश्वरक्ष्मा मंत्री मयूराक्ष द्वारा विष्णु मंदिर निर्माण का वर्णन करता है।

प्रश्न 14: सामोली शिलालेख किस वंश से संबंधित है?
A. प्रतिहार
B. गुहिल
C. चौहान
D. परमार
Answer: B
Explanation: 646 ईस्वी का सामोली (मेवाड़) शिलालेख गुहिल वंश और ज़ावर में तांबे-जस्ता खनन का उल्लेख करता है।

प्रश्न 15: घटियाला शिलालेख किसकी उपलब्धियों का वर्णन करता है?
A. मिहिर भोज
B. हरिश्चंद्र (प्रतिहार संस्थापक)
C. बप्पा रावल
D. राणा कुम्भा
Answer: B
Explanation: 861 ईस्वी का घटियाला (जोधपुर) शिलालेख प्रतिहार संस्थापक हरिश्चंद्र की राजनीतिक-धार्मिक नीतियों का वर्णन करता है।

प्रश्न 16: बिजोलिया शिलालेख किस वर्ष का है?
A. 973 ईस्वी
B. 1170 ईस्वी
C. 1285 ईस्वी
D. 1439 ईस्वी
Answer: B
Explanation: 1170 ईस्वी का बिजोलिया शिलालेख जैन लोलाक द्वारा पार्श्वनाथ मंदिर और चौहान वंशावली का वर्णन करता है।

प्रश्न 17: अचलेश्वर शिलालेख में बप्पा रावल से संबंधित क्या उल्लेख है?
A. राज्य स्थापना
B. जौहर
C. विजयें
D. मंदिर निर्माण
Answer: A
Explanation: 1285 ईस्वी का अचलेश्वर (आबू) शिलालेख बप्पा को राज्य प्रदान करने की कथा का वर्णन करता है।

प्रश्न 18: रणकपुर प्रशस्ति किस शासक से जुड़ी है?
A. राणा कुम्भा
B. महाराणा प्रताप
C. राणा सांगा
D. उदयसिंह
Answer: A
Explanation: 1439 ईस्वी की रणकपुर प्रशस्ति बप्पा रावल को गुहिल संस्थापक बताती है और राणा कुम्भा की शैलियों का उल्लेख करती है।

प्रश्न 19: कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति में राणा कुम्भा की कौन-सी पुस्तकें उल्लिखित हैं?
A. चंडीशतक, गीतगोविंद
B. रामचरितमानस, महाभारत
C. वेद, उपनिषद
D. जैन ग्रंथ
Answer: A
Explanation: 1460 ईस्वी की कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति गुहिल वंशावली और कुम्भा की रचनाओं चंडीशतक, गीतगोविंद का वर्णन करती है।

प्रश्न 20: राजसिंह प्रशस्ति कहाँ उत्कीर्ण है?
A. चित्तौड़गढ़
B. राजसमंद झील
C. कुम्भलगढ़
D. उदयपुर
Answer: B
Explanation: 1676 ईस्वी की राजसिंह प्रशस्ति राजसमंद झील के 25 पत्थरों पर गुहिल वंशावली का वर्णन करती है।

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